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North Facing House Vastu Plan in Hindi

North Facing House Vastu Plan in Hindi

Updated Date : Tuesday, 22 Jun, 2021 09:38 AM

उत्तर मुखी घर में सकारात्मकता और समृद्धि के लिए वास्तु प्लान

घर के वास्तु के अनुसार उत्तर मुखी घरों को बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उत्तर दिशा धन और समृद्धि के देवता कुबेर की दिशा है, अतः घर में धन का अच्छा प्रवाह होने की संभावना अधिक होती है। हालांकि, तथ्य यह है कि घर में धन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह वास्तु अनुपालन पर निर्भर करता है। यदि उत्तर मुखी घर का निर्माण वास्तु योजना के अनुसार किया जाता है, तो घर में सफलता, कल्याण, सुख और सकारात्मकता प्राप्त होने की प्रबल संभावना होती है।

जानिए सभी प्रकार के घरो के लिए वास्तु उपाय।  

इस पोस्ट में, आप प्रसिद्ध वास्तु विशेषज्ञों द्वारा एक सकारात्मक उत्तर मुखी घर बनाने के लिए सुझाए गए वास्तु के नियमों को जान सकते हैं। अतः, यहां पढ़ें और अपने उत्तर मुखी घर को समृद्ध और सुखी बनाने के तरीकों के बारे में जानें।

उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु प्लान

उत्तर मुखी घर बेहद शुभ होता है लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता है। लोगों के पेशे और राशि के आधार पर, उत्तर मुखी घरों का प्रभाव अलग-अलग होता है। ये घर व्यवसायियों, लेखाकारों, बैंकरों, निवेशकों, संचारकों, शेयर बाजार के व्यापारियों, ज्योतिष और वास्तु सेवा प्रदाताओं, हॉस्पिटैलिटी, होटल, यात्रा और पर्यटन के व्यवसाय में काम करने वाले लोगों के लिए उपयुक्त होते हैं। राशि ज्योतिष के अनुसार कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए ये घर सबसे उपयुक्त होते हैं।

उत्तर मुखी घर में सुख और समृद्धि कैसे सुनिश्चित की जाए? घर में सकारात्मकता और शुभता को बढ़ाने के लिए उत्तर मुखी घर के वास्तु नियमों को जानें।

उत्तर मुखी घर में मुख्य द्वार के लिए वास्तु नियम

  • उत्तर मुखी घर के वास्तु के अनुसार, घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में होना चाहिए।
  • यदि मुख्य द्वार की लंबाई उत्तर-पूर्व से उत्तर-पश्चिम तक नौ बराबर भागों में विभाजित हो, तो पांचवां भाग या पद शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा में तीसरा, चैथा और आठवां पद भी घर में धन और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
  • घर के मुख्य द्वार या घर के प्रवेश द्वार को उत्तर पश्चिम दिशा में लगाने से बचें। मुख्य द्वार को उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाने से यह घर के सदस्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार के लिए सर्वोत्तम दिशा।

उत्तर मुखी घर में रसोई के लिए वास्तु टिप्स

  • उत्तरमुखी घर के ईशान कोण में कभी भी रसोई घर न बनाएं।
  • उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई तंत्रिका(न्यूरोलाॅजीक) संबंधी विकार और पारिवारिक विवाद का कारण बनती है। कभी-कभी, इस वास्तु दोष के कारण घर के मालिकों को कानूनी और वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • उत्तर मुखी घर में रसोई बनाने के लिए हमेशा दक्षिण-पूर्व या दक्षिण दिशा को प्राथमिकता दें।
  • रसोई घर के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा भी अच्छी होती है, क्योंकि यह उत्तर मुखी घर के वास्तु सिद्धांतों के अनुसार शुभ होती है।
  • सुनिश्चित करें कि रसोई में खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में हो।

जाने रसोई के लिए 7 वास्तु टिप्स

उत्तर मुखी घर में बाथरूम और सेप्टिक टैंक के लिए वास्तु टिप्स

  • बाथरूम का स्थान दक्षिण पश्चिम दिशा के दक्षिण में होना चाहिए। उत्तर मुखी घर में बाथरूम और सेप्टिक टैंक बनाने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा का पश्चिम और दक्षिण-पूर्व दिशा का पूर्व अच्छा होता है। जाने वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक की स्थिति
  • चूंकि बाथरूम और सेप्टिक टैंक ऐसे स्थान हैं जहां ज्यादातर समय पानी जमा रहता है, इसलिए इन्हें नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है।
  • वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक के लिए, कभी भी उत्तर मुखी घर के सामने या भूमिगत सेप्टिक टैंक नहीं बनाना चाहिए। यह जल स्त्रोत को बाधित कर सकता है और घर के सदस्यों को गुर्दे की समस्या हो सकती है।
  • घरों के लिए बाथरूम वास्तु के अनुसार घर के सामने बाथरूम नहीं बनाना चाहिए। यह वित्तीय समस्याओं और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है।

जाने पानी की टंकी के लिए वास्तु

उत्तर मुखी घर में पूजा रूम के लिए वास्तु

  • पूजा घर भक्ति का स्थान है जहां आपके भगवान विराजते हैं और आप उनकी उपासना करते हैं। अतः, वास्तु के अनुसार उत्तर मुखी घर में, पूजा रूम हमेशा पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
  • उत्तर मुखी घर में पूजा रूम के लिए पश्चिम सबसे अच्छी दिशा है क्योंकि यह भगवान की मूर्तियों या तस्वीरों के चेहरे पूर्व की ओर सुनिश्चित करती है।
  • आप उत्तर मुखी घर का पूजा रूम पूर्व दिशा में भी बना सकते हैं ताकि मूर्तियों और देवताओं का चेहरा पश्चिम की बजाय पूर्व में हो।
  • उत्तर मुखी घर के वास्तु के अनुसार पूजा रूम बनाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा को भी शुभ माना जाता है।

आप की सभी समस्याओ का समाधान पूजा-कक्ष का वास्तु कर सकता है।

उत्तर मुखी घर में बेडरूम के लिए वास्तु

  • उत्तर मुखी घर का मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
  • मास्टर बेडरूम बनाने के लिए पूर्व, दक्षिण या पश्चिम भी शुभ दिशाएं हैं।
  • उत्तर मुखी घर के वास्तु के अनुसार, बेडरूम कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए।
  • बेडरूम वास्तु के अनुसार गेस्ट रूम बनाने की सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पश्चिम है।
  • बच्चों का बेडरूम पश्चिम दिशा में होना चाहिए।

बेडरूम वास्तु - वास्तु के अनुसार सोने की दिशा।

उत्तर मुखी घर में सीढ़ी के लिए वास्तु

  • घर की सीढ़ियां कभी भी उत्तर दिशा में ना बनाएं। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार इस दिशा में सीढ़ियां बनाने से आर्थिक परेशानी होती है।
  • हमेशा सुनिश्चित करें कि सीढ़ी दक्षिणावर्त(घड़ी के चलने की दिशा) दिशा में हो।
  • उत्तरमुखी घर की सीढ़ियां कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में न बनाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार इससे तंत्रिका(न्यूरोलाॅजीकल) संबंधी विकार हो सकते हैं।
  • उत्तर मुखी घर में सीढ़ी बनाने के लिए दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशाएँ अच्छी होती हैं।
  • अपने घर के कमरों से संबंधित सीढ़ियों के सही स्थान का निर्धारण करने के लिए हमेशा वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लें।

उत्तर मुखी घर में गैराज/पार्किंग के लिए वास्तु

  • उत्तर दिशा में कभी भी गैरेज या पार्किंग का निर्माण न करें।
  • उत्तर मुखी घर की वास्तु योजना के अनुसार, उत्तर दिशा में गैरेज घर में मानसिक शांति की कमी का कारण बन सकता है।
  • अपने गैरेज या पार्किंग को बनाने के लिए दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पश्चिम सबसे अच्छी दिशाएं हैं।

वास्तु के अनुसार उत्तर मुखी घर में क्या करें और क्या न करें

उत्तर मुखी घर के लिए कुछ वास्तु नियम हैं जिन्हें आपको उत्तर मुखी घर बनाते समय ध्यान में रखना चाहिए। उत्तर मुखी घरों के लिए ये वास्तु टिप्स शांति और समृद्धि लाने में मदद करते हैं। यहाँ बताया गया है कि आपको उत्तर मुखी घर बनाते समय किन बातों का पालन करने की आवश्यकता है।

उत्तर मुखी घर के वास्तु के अनुसार क्या करें

घर की उत्तर दिशा में मनी प्लांट लगाएं। उत्तर मुखी घर के वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, मनी प्लांट धन को आकर्षित करता है और उत्तर दिशा में इसका रोपण घर में समृद्धि को बढ़ाता है।

घर में शुभ चिन्ह जैसे स्वास्तिक या ओम बनाएं। वास्तु विशेषज्ञ से हमेशा शुभ प्रतीक बनाने के लिए सबसे शुभ और लाभकारी स्थान के बारे में पूछें।

  • उत्तर मुखी घर का लिविंग रूम हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनायें।
  • उत्तर मुखी मकान का प्लॉट दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर ढलान वाला ही खरीदें।
  • सुनिश्चित करें कि उत्तर और पूर्व की ओर की दीवारें दूसरी तरफ की दीवारों से छोटी हों।
  • उत्तर मुखी घर बनाते समय उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में खुली जगह छोड़ें।
  • वाटर टैंक वास्तु टिप्स के अनुसार बोरवेल कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। जब उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर एक विकर्ण रेखा खींची जाती है तो यह उत्तर-पूर्व से थोड़ा दूर होना चाहिए।
  • उत्तर मुखी घरों का विद्युत मीटर दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • उत्तर दिशा वाले घर में शीशा उत्तर दिशा में लगाना चाहिए।
  • उत्तर मुखी मकान के प्लाट की उत्तर और पूर्व की ओर की ढलान दक्षिण और पश्चिम की ओर की ढलान से कम होनी चाहिए।
  • अपने उत्तरमुखी घर को रंगने के लिए हमेशा सफेद, ग्रे, हरा, नीला और खाकी रंग व उनके शेड्स का इस्तेमाल करें।
  • नकारात्मकता से छुटकारा पाने और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए तुलसी के पौधे उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाए जाने चाहिए।
  • घर के वास्तु के अनुसार अधिक अवसर प्राप्त करने के लिए घर की उत्तर दिशा में भगवान कुबेर की मूर्ति स्थापित करें।
  • डाईनिंग या स्टडी रूम बनाने के लिए पश्चिम दिशा उपयुक्त होती है।
  • उत्तर मुखी घर के वास्तु के अनुसार क्या न करें
  • दक्षिण और दक्षिण-पूर्व दिशा में शीशा नहीं लगाना चाहिए।
  • सुनिश्चित करें कि उत्तर मुखी घर के मुख्य द्वार के सामने कोई बाधा न हो।
  • उत्तर मुखी घर का मुख्य द्वार बनाते समय छठे पद से बचें।
  • उत्तर मुखी घर के सामने वाले हिस्से को लाल या पीले रंग से रंगने से बचना चाहिए।
  • घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में कभी भी बागबानी और वृक्षारोपण नहीं करना चाहिए।
  • उत्तर-पूर्व दिशा में कभी भी गार्ड रूम नहीं होना चाहिए।
  • यदि बेडरूम घर की उत्तरी दिशा में बनाया गया है, तो सुनिश्चित करें कि आप उत्तर दिशा में सिर रखकर नहीं सोऐं।
  • घर में ड्रेनेज या गंदे जल की निकासी उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर नहीं होनी चाहिए।
  • उत्तर मुखी घर की वास्तु योजना बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि घर के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय न हो।
  • मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार पर लाल या मैरून रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • उत्तर मुखी घर के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में रसोई के लिए काले रंग के मार्बल/ग्रेनाइट के स्लैब का इस्तेमाल ना करें।
  • घर के सामने किसी भी तरह की अव्यवस्था, पेड़-पौधे या बिजली का खंभा नहीं होना चाहिए।

उपरोक्त वास्तु टिप्स आपके उत्तर मुखी घर को समृद्ध और खुशहाल घर में बदलने में मददगार हो सकते हैं। अपने प्रश्नों के मामले में, आप हमारे वास्तु विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं और वास्तु सिद्धांतों और वास्तु दोष के उपायों के बारे में अधिक जानकारी पा सकते हैं, आप ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श के माध्यम से अपने प्रश्न पूछ सकते हैं

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